Wednesday, 12 December 2018

क्या मुर्दे हमारी आवाज़ सुनतें है by habib bhati

      क्या मुर्दे हमारी आवाज़ सुनतें है
हज़रत इब्ने उमर रदीअल्लाहो तआला अन्हो कहतें है , रसूले करीम सल्लल्लाहो अलैहे वस्सलम ( जंगे बदर से फारिग होने के बाद ) जब कलिब कनवीं की तरफ से गुजरे तो हुजरे अनवर सल्लल्लाहो अलैहे वस्सलम ने मतवल कफ़ारों से मुखातिब होकर फरमाया तुमने अपने रब के वादह को सच्चा पा लिया , किसी ने आप सल्लल्लाहो अलैहे वस्सलम से अर्ज़ किया या रसूलल्लाह सल्लल्लाहो अलैहे वस्सलम ये तो मुर्दा है । आप सल्लल्लाहो अलैहे वसल्लम मुर्दों से गुफ्तगू करते हैं हुजरे अनवर सल्लल्लाहो अलैहे वस्लम ने फरमाया की ये तुमसे ज्यादा सुनतें है अगरचा जवाब नही दे सकते हैं ।
                        सही बुख़ारी हदीश नंबर 657

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