Sunday, 16 December 2018

नमाज का तरीका;- by habib bhati

नमाज का तरीका;-
नियत :- नियत की मैने दो रकात नमाज सुन्नत वकत फजर का, वास्ते अल्लाह ताला के लिए मुह मेरा काबा शरीफ कि तरफ- अल्लाहु अकबर ।
सना :- सुबहाना कल्ला हुम्मा वाबैहमदेका वा ताबारा कसमोका वा तआला जददो का वा लाईलाह गैरूका ।
आऊजु बिल्लाहि मिनश शेतानिर्रजीम । बिस्मिल्लाहिर्रहमानिर्रहीम
अलहमदु लिल्लाहि रब्बिल आलमीन, अर्रहमानिर्रहीम मालिकी यवमिद्दीन, इय्याका नअबुदू वइय्याका नसताइन,इहदि नस्सिरातल मुस्तकीम, सिरातल लजीना अन अमता अलेयहिम गयरिल मगदुबि अलयहिम वलदद्वाल्लीन ।(आमीन)
बिस्मिल्लाहिर्रहमानिर्रहीम
कुल याअय्युहल काफिरुना लाआबुदूमातअबुदून, वला अन्तुम आबिदुना माआबुद, वला आना आबिदुम मा आबत्तुम, वला अन्तुम आबिदुना मा आबुद लकूम दीनुकूम वलियदिन.
( अल्लाहु अक्बर )
RUKO ME  सुब्हाना रब्बीयल अजिम ।→3,5,7
समिअल्लाहु लिमन हमिदह । रब्बाना लक्लहम्द ।
( अल्लाहु अक्बर.... )
SAZDE ME सुब्हाना रब्बीयल आला ।→3,5,7
( अल्लाहु अक्बर )2
SAZDE ME सुब्हाना रब्बीयल आला ।→3,5,7
( अल्लाहु अक्बर ....)
बिस्मिल्लाहिर्रहमानिर्रहीम
अलहमदु लिल्लाहि रब्बिल आलमीन,अर्रहमानिर्रहीम, मालिकि यवमिद्दीन,इय्याका नअबुदु वइय्याका नसताइन, इहदि नस्सिरातल मुस्तकीम, सिरातल लजीना अन अमता अलैयहिम गयरिल मगदुबि अलयहिम वलदद्वाल्लीन,(आमीन)
बिस्मिल्लाहिर्रहमानिर्रहीम
कुलहुवल्लाहु अहद, अल्लाहुस्समद, लमयलिद वलम युलद,वलम यकुललहु कुफूवन अहद, ।
( अल्लाहु अक्बर )
RUKO ME सुब्हाना रब्बीयल अजिम ।→3,5,7
समिअल्लाहु लिमन हमिदह ।रब्बाना लक्ल हमद ।
(अल्लाहु अक्बर....)
SAZDE ME सुब्हाना रब्बीयल आला ।→3,5,7
( अल्लाहु अक्बर ) 2
SAZDE ME सुब्हाना रब्बीयल आला ।→3,5,7
( अल्लाहु अक्बर )
KAYDE ME ATIYAT अत्तहीयातु लिल्लाहि वस्सलावातु वत्तय्यिबातु अस्सलामु अलैका अय्युहन नबीयु वा रहमतुल्लाहि वा बरकातुहू अस्सलामु अलैना वा अला
ऐबादिल्लाहिस्सालिहीन अश्हदु अल्लाइलाहा इल्लल्लाहु वा अश्हदु अन्ना मुहम्मदन अब्दुहू वा रसूलुहू ।
DUROOD IBRAHIM अल्लाहुम्मा सल्लिअला मुहम्मदिव वा आला आलि
मुहम्मदिन कमासल्लैता आला इब्राहीमा वा आला आलि इब्राहीमा इन्नाका हमीदुम
मजीद,अल्लाहुम्मा बारिक आला मुहम्मदिव वा आला आलि मुहम्मदिन
कमाबारकता आला इब्राहीमा वा आला आलि इब्राहीमा इन्नाका हमीदुम मजीद, DUA MASHURA अल्लाहुम्मा रब्बाना आतैयना फिददुनिया हसनतव
वा फिल आखेरते बसनतव वाकीना अजाबन्नार,
अस्सलामु अलैकुम वा रहमतुल्ला ।→
अस्सलामु अलैकुम वा रहमतुल्ला ।←
NAMAZ K BAAD KI TASBI
सुब्हान अल्लाह →33
अल्हमदु लिल्लाह →33
अल्लाहु अक्बर →34
लाइलाहा इल्लल्लाहु मुहम्मदर रसुलूल्लाह

Wednesday, 12 December 2018

वसीला by habib bhati

   वसीला
हजरत उमर इब्ने अलखत्ताब रदिअल्लाहो तआला अन्हा बयान करतें है जब कहत वाकह हुआ करता था तो लोग हजरत अब्बाश इब्ने अल मुत्तलिब के जरिये से बारिश तलब किया करते थे के ऐ खुदा हम तेरे नबी के चचा को वसीला ला कर अर्ज करतें है के हम पर बारिश नाज़िल फरमा । चुनाचा वो लोग बारिश से शेराब किये जाते थे।
सही बुखारी हदीश नंबर 528


क्या मुर्दे हमारी आवाज़ सुनतें है by habib bhati

      क्या मुर्दे हमारी आवाज़ सुनतें है
हज़रत इब्ने उमर रदीअल्लाहो तआला अन्हो कहतें है , रसूले करीम सल्लल्लाहो अलैहे वस्सलम ( जंगे बदर से फारिग होने के बाद ) जब कलिब कनवीं की तरफ से गुजरे तो हुजरे अनवर सल्लल्लाहो अलैहे वस्सलम ने मतवल कफ़ारों से मुखातिब होकर फरमाया तुमने अपने रब के वादह को सच्चा पा लिया , किसी ने आप सल्लल्लाहो अलैहे वस्सलम से अर्ज़ किया या रसूलल्लाह सल्लल्लाहो अलैहे वस्सलम ये तो मुर्दा है । आप सल्लल्लाहो अलैहे वसल्लम मुर्दों से गुफ्तगू करते हैं हुजरे अनवर सल्लल्लाहो अलैहे वस्लम ने फरमाया की ये तुमसे ज्यादा सुनतें है अगरचा जवाब नही दे सकते हैं ।
                        सही बुख़ारी हदीश नंबर 657